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ताजमहल

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ताजमहल: प्रेम, कला और इतिहास की अमर निशानी परिचय ताजमहल, भारत की धरती पर स्थित एक ऐसा अद्भुत स्मारक है जिसे देखकर हर व्यक्ति मंत्रमुग्ध हो जाता है। यह केवल एक इमारत नहीं, बल्कि प्रेम, समर्पण और स्थापत्य कला का बेजोड़ उदाहरण है। आगरा में यमुना नदी के किनारे स्थित यह स्मारक दुनिया भर में अपने सौंदर्य और इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। इसे देखने हर वर्ष लाखों देशी और विदेशी पर्यटक आते हैं। निर्माण की पृष्ठभूमि ताजमहल का निर्माण मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी प्रिय पत्नी मुमताज़ महल की याद में करवाया था। मुमताज़ महल का असली नाम 'अरजुमंद बानो बेगम' था। वह शाहजहाँ की 14वीं पत्नी थीं और उनकी मृत्यु 1631 में, 14वें बच्चे को जन्म देते समय हुई थी। शाहजहाँ अपनी पत्नी से अत्यधिक प्रेम करते थे और उनके निधन से वे बहुत दुखी हो गए। उसी प्रेम की निशानी के रूप में उन्होंने ताजमहल का निर्माण कराया। निर्माण कार्य और शिल्पकार ताजमहल का निर्माण कार्य 1632 में शुरू हुआ और इसे पूरा होने में लगभग 22 साल लगे। इसे बनाने में लगभग 20,000 कारीगरों ने हिस्सा लिया था। मुख्य वास्तुकार का नाम उस्ताद अहमद लाहौरी माना ज...