रामायण का इतिहास

## 📜रामायण: भारतीय संस्कृति का अमर ग्रंथ ### ✨ भूमिका रामायण केवल एक पौराणिक कथा नहीं है, यह भारतवर्ष की आत्मा है। इस ग्रंथ में जीवन के सभी सिद्धांत हैं - धर्म, नीति, प्रेम, त्याग और संघर्ष। हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथों में से एक, यह महाकाव्य त्रेता युग में भगवान राम के जीवन और उनके आदर्शों का सजीव चित्रण है। रामायण न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में भारतीय संस्कृति और लोकतंत्र का प्रतीक बन गया है। --- ### 🧙♂️रामायण का इतिहास रामायण की रचना आदिकवि **महर्षि वाल्मिकी** ने की थी। यह संस्कृत में लिखा गया एक महाकाव्य है, जिसमें लगभग 24,000 श्लोक हैं। इसे **वाल्मीकि रामायण** कहा जाता है। इसके बाद **गोस्वामी तुलसीदास** ने अवधी भाषा में "रामचरितमानस" की रचना की, जो उत्तर भारत में अधिक लोकप्रिय है। रामायण का प्रभाव न केवल धार्मिक क्षेत्र में बल्कि साहित्य, कला, और नाट्य जगत में भी अत्यधिक देखने को मिलता है। इंडोनेशिया, डिजायन, कंबोडिया और श्रीलंका में भी रामायण के विभिन्न संस्करण प्रचलित हैं। --- ### 📖रामायण की संरचना वाल्मिकी रामायण 7 कांडों में विभाजित है: 1. **बालकांड** - श...