प्राचीन भारत के भूले-बिसरे योद्धा: इतिहास के अनजाने वीर

प्राचीन भारत के भूले-बिसरे योद्धा: इतिहास के अनजाने वीर


भारत का इतिहास वीर योद्धाओं से भरा हुआ है। लेकिन कुछ ऐसी भी हैरान कर देने वाली बातें हैं जो उस समय के इतिहास से लगभग लुप्त हो गई थीं। ये वीरता, गांभीर्य और विरासत के उदाहरण थे। इस ब्लॉग में हम आजाद भूले-बिसरे योद्धाओं का वर्णन करेंगे, जो भारत की अस्मिता और आजादी चाहते हैं, उनकी जान तक की बाज़ी लगा दी गई थी।

1. ललितादित्य मुक्तपीड


ललितादित्य मुक्तपीड कश्मीर के कर्कोटा वंश के एक महान शासक थे। इनका शासन काल 8वीं शताब्दी में था। उन्होंने अपनी सेना के बल पर पंजाब, सिंध, बंगाल और दक्षिण भारत की कुछ अलग-अलग जगहों पर अपना अधिकार जमाया। उनका सपना था भारत को नया बनाना। ये योद्धा कभी महान समुद्रगुप्त और अशोक से कम नहीं थे, लेकिन इनका नाम इतिहास में प्राचीन काल के रूप से पा नहीं सका।

2. नागभट्ट प्रथम


नागभट्ट प्रथम गुर्जर-प्रतिहार वंश के प्रथम महान योद्धाओं में से एक थे। जब अरब अक्रांता भारत में प्रवेश कर रहे थे, तब उन्होंने वीरता और चतुर्थी से उन्हें त्याग दिया। उन्होंने सिंध के मुस्लिम अक्रांतों को हराया और भारत को हराया। उनके योगदान के बावजूद, आज भी उनका नाम बहुत कम लोगों को याद है।

3. बप्पा रावल


मेवाड़ के शासक बप्पा रावल एक महान योद्धा थे। उन्होंने न केवल अरब क्रांति से भारत को आकर्षित किया, बल्कि एक सक्षम और मजबूत राज्य की स्थापना की। उनकी युद्ध नीति और योद्धा स्वभाव आज भी राजपूत इतिहास का गौरव है।

4. पृथ्वीराज चौहान के सेनापति: स्कंद गुप्त


पृथ्वीराज चौहान के समय उनके एक सेनापति स्कंद गुप्त थे जो महमूद गौरी से युद्ध करने में महारथी थे। स्कंद गुप्त ने कई युद्धों में पृथ्वीराज चौहान का साथ दिया और अपनी चतुराई दिखाई। हालाँकि उनका नाम इतिहास में इतना प्रचारित नहीं है।

5. राव तुला राम


1857 की क्रांति के दौरान राव तुला राम हरियाणा के वीर योद्धाओं में एक महान नाम थे। उन्होंने ब्रिटेन के खिलाफ बैटल गर्ल और भारत की बेटियों के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी। उनके बलिदान को आज भी हरियाणा और राजस्थान में याद किया जाता है।

6. वीरपांड्या कट्टबोम्मन


तमिल के स्वतंत्रता संग्राम में वीरपांड्या कट्टबोम्मन का नाम अति महत्वपूर्ण है। उन्होंने भाईसाहब के खिलाफ आवाज उठाई और अपनी सेना के माध्यम से अपना विरोध जताया। लेकिन इतिहास में उनका नाम अंकित नहीं हो सका, बल्कि रानी लक्ष्मी बाई या तात्या टोपे का।

7. राजा सुहेलदेव


राजा सुहेलदेव एक वीर योद्धा थे, जिन्होंने 11वीं शताब्दी में गज़नवी शासक सालार मसूद को हराया था। इस युद्ध की मुख्य घटना यह थी कि राजा सुहेलदेव ने अपनी चतुराई और शौर्य का प्रदर्शन किया था।

8. यशोवर्मन


कैन के यशोवर्मन एक शक्तिशाली शासक और सामंत थे। उन्होंने अपने समय के अन्य राजाओं से युद्ध कर अपने राज्य को मजबूत बनाया। लेकिन आज के इतिहास में उनके योगदान को जेन मिल्नी को कोई खास जगह नहीं मिलनी चाहिए।

9.हर्ष विक्रमादित्य


हर्ष विक्रमादित्य एक महान योद्धा थे जो विक्रमादित्य के वंश की परंपरा से जुड़े थे। उन्होंने अपने समय में अन्य राजाओं को हराकर भारत में एक शक्तिशाली साम्राज्य की स्थापना की। लेकिन उनका नाम इतिहास के अनुसार कहीं खो गया।

10. राणा हम्मीर सिंह


राणा हम्मीर सिंह मेवाड़ के एक और वीर शासक थे। वे मेवाड़ का कमरा वापस ले आये और अलाउद्दीन खिलजी से मिल गये। उनका योगदान इतिहास में भी लगभग धूमिल हो गया है।

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भारत का इतिहास सिर्फ कुछ ही योद्धाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कई अन्वेषक वीरों की तस्वीरें भरी हुई हैं। ये वीर योद्धा हमारे गौरव का हिस्सा हैं और इन्हें भूल जाना एक बड़ा ऐतिहासिक अन्याय होगा। आज का दिन है कि हम इन भूले-बिसरे वीरों को सम्मान देते हैं और नई पीढ़ी को उनके बारे में बताते हैं।


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