राजस्थान के ऐतिहासिक किले और उनकी गाथाएँ – मेवाड़, मारवाड़ और अन्य क्षेत्रों के किले
![]() |
Rajasthan ka kuch kile |
राजस्थान के ऐतिहासिक किले और उनकी गाथाएँ – मेवाड़, मारवाड़ और अन्य क्षेत्रों के किले
राजस्थान, जिसे ‘राजाओं की भूमि’ कहा जाता है, अपने ऐतिहासिक किलों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यहाँ के किले न केवल स्थापत्य कला के बेहतरीन नमूने हैं, बल्कि इनमें राजस्थान के गौरवशाली इतिहास की अनगिनत कहानियाँ भी समाई हुई हैं। इस लेख में, हम राजस्थान के प्रमुख किलों—मेवाड़, मारवाड़ और अन्य क्षेत्रों के किलों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
1. मेवाड़ के प्रसिद्ध किले
कुंभलगढ़ किला – शौर्य और पराक्रम की मिसाल
कुंभलगढ़ किला, राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित है। यह किला महाराणा कुम्भा द्वारा 15वीं शताब्दी में बनवाया गया था और इसकी दीवार चीन की दीवार के बाद दुनिया की दूसरी सबसे लंबी दीवार मानी जाती है। यह किला मेवाड़ और मारवाड़ की सीमा पर स्थित था, जिससे इसकी रणनीतिक महत्ता और बढ़ जाती थी।
चित्तौड़गढ़ किला – वीरता और बलिदान का प्रतीक
चित्तौड़गढ़ किला राजस्थान का सबसे बड़ा और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण किला है। यह किला मेवाड़ की आन-बान-शान का प्रतीक है और यहाँ रानी पद्मिनी और रानी कर्णावती के जौहर की गाथाएँ प्रचलित हैं। किले के भीतर विजय स्तंभ और कीर्ति स्तंभ जैसे ऐतिहासिक स्मारक भी स्थित हैं।
2. मारवाड़ के प्रमुख किले
मेहरानगढ़ किला – जोधपुर का गर्व
मेहरानगढ़ किला, जोधपुर का सबसे प्रसिद्ध किला है और इसे राव जोधा ने 1459 ईस्वी में बनवाया था। यह किला 400 फीट ऊँची पहाड़ी पर स्थित है और इसकी विशाल दीवारें इसकी अभेद्यता को दर्शाती हैं। किले के भीतर मोती महल, फूल महल और शीश महल जैसे भव्य महल स्थित हैं।
जैसलमेर किला – ‘सोनार किला’
जैसलमेर किला, जिसे ‘सोनार किला’ भी कहा जाता है, राजस्थान के जैसलमेर शहर में स्थित है। यह किला पीले बलुआ पत्थरों से निर्मित है, जिससे यह सूर्य की रोशनी में स्वर्णिम प्रतीत होता है। इस किले का निर्माण 1156 ईस्वी में राव जैसल ने करवाया था।
3. अन्य प्रमुख किले
रणथंभौर किला – शक्ति और साहस का प्रतीक
रणथंभौर किला सवाई माधोपुर जिले में स्थित है और इसे चौहान वंश के शासकों ने बनवाया था। यह किला रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान के भीतर स्थित है और बाघों के लिए प्रसिद्ध है। किले से जुड़ी अनेक कहानियाँ राजपूत शौर्य की गाथाएँ बयाँ करती हैं।
अचलगढ़ किला – धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व
अचलगढ़ किला माउंट आबू के पास स्थित है और इसे परमार वंश ने बनवाया था, जिसे बाद में महाराणा कुम्भा ने पुनर्निर्मित किया। यह किला अचलेश्वर महादेव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है।
निष्कर्ष
राजस्थान के किले केवल पत्थरों की संरचनाएँ नहीं हैं, बल्कि ये वीरता, प्रेम, बलिदान और रणनीतिक कुशलता के साक्षी हैं। इन किलों की भव्यता और ऐतिहासिक महत्व को जानने के लिए हर इतिहास प्रेमी और यात्री को एक बार राजस्थान की यात्रा अवश्य करनी चाहिए।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
"आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! कृपया पोस्ट से संबंधित अपने विचार साझा करें और स्वस्थ चर्चा बनाए रखें। स्पैम और अनुचित टिप्पणियों से बचें। आपके कमेंट्स हमारे लिए प्रेरणा हैं! ✨"