बिहार का इतिहास और संस्कृति – गौरवशाली विरासत की कहानी**


बिहार का इतिहास और संस्कृति – गौरवशाली विरासत की कहानी**


**प्रस्तावना**  

भारत का प्राचीनतम एवं सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राज्य बिहार, इतिहास, वंश एवं संस्कृति की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। यह भूमि न केवल महान सम्राटों की कर्मभूमि रही है, बल्कि बौद्ध, जैन और हिंदू धर्मों के सांस्कृतिक चमत्कारों का केंद्र भी रही है। बिहार का इतिहास और संस्कृति इसकी मिट्टी से जुड़ी ऐसी अनमोल मिठाइयाँ हैं, जिन पर भारत को गर्व है।

**प्रमुख कीवर्ड्स**:  

बिहार का इतिहास, बिहार की संस्कृति, बिहार की परंपराएँ, बिहार के पर्यटन स्थल, बिहार की विरासत, प्राचीन बिहार, बिहार में बौद्ध धर्म, बिहार की लोककलाएँ, बिहार की भाषाएँ और साहित्य, बिहार का त्योहार।

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### **1. बिहार का प्राचीन इतिहास**  

बिहार का नाम संस्कृत शब्द "विहार" से लिया गया है, जिसका अर्थ है 'मठ' या 'ध्यानस्थल'। यह नाम बौद्ध मठों के कारण बताया गया है जो यहां बड़ी संख्या में स्थित थे।

- **मगध साम्राज्य**: प्राचीन भारत का सबसे शक्तिशाली साम्राज्य, मगध, वर्तमान बिहार का ही हिस्सा था। इसकी राजधानी पाटलिपुत्र (वर्तमान पटना) थी।  
- **मौर्य राजवंश**: सम्राट अशोक और चंद्रगुप्त मौर्य जैसे महान सम्राटों ने शासन किया था। अशोक काल में बौद्ध धर्म का पूरे एशिया में प्रचार हुआ।  
- **गुप्त राजवंश**: इसे भारत का 'स्वर्ण युग' कहा जाता है। सम्राट चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य और समुद्रगुप्त जैसे शासकों ने कला, साहित्य और विज्ञान को प्रोत्साहन दिया।  
- **बौद्ध एवं जैन धर्म**: भगवान बुद्ध का ज्ञान बोधगया (बिहार) से प्राप्त हुआ था। महावीर स्वामी का जन्म भी रेनबो (बिहार) में हुआ था। इसलिए बिहार धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

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### **2. मध्यकाल आधुनिक और इतिहास**  

- **मुस्लिम शासन**: दिल्ली सल्तनत और मुगल साम्राज्य के दौरान बिहार में कई महत्वपूर्ण राजनीतिक और सांस्कृतिक घटनाएं सामने आईं।  

- **ब्रिटिश काल**: भारत की सबसे बड़ी लड़ाई में बिहार की भी प्रमुख भूमिका थी। यथार्थवादी सिद्धांत, महात्मा गांधी द्वारा संचालित पहला आंदोलन, प्रदर्शन से आरंभ हुआ था।  

- **स्वतंत्रता के बाद**: 1950 में बिहार गणराज्य का हिस्सा बना और 2000 में झारखंड अलग नया राज्य बना।

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### **3. बिहार की सांस्कृतिक विरासत**  

बिहार की संस्कृति इसकी पारंपरिक लोककला, संगीत, नृत्य, उत्सव, स्वाद और बोलियों में पहचान रखती है।

#### **ए)भाषाएँ और साहित्य**  

बिहार की प्रमुख भाषाएँ हैं - हिंदी, भोजपुरी, मैथिली, मगही और अंगिका।  
- **मैथिली साहित्य**: विद्यापति जैसे महान साहित्य ने मैथिली को समृद्ध किया।  
- **भोजपुरी लोकगीत और गीत**: भोजपुरी लोकगीत और नाटक आज अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय हैं।

#### **बी) लोककला और हस्तशिल्प**  

- **मधुबनी चित्रकला**: यह मिथिला क्षेत्र की विश्वप्रसिद्ध चित्रकला है, जिसमें प्राकृतिक रंगों का प्रयोग किया जाता है।  
- **सिकरी लकड़ी का काम**, **सिकरी घास की मूर्ति**, **पत्थर की बनी** – ये हैं बिहार की अद्भुत शिल्प कलाएँ।

#### **c) लोकनृत्य और संगीत**  

- **झिझिया**, **जट-जतिन**, **भरनाट्यम** (मैथिली क्षेत्र का नृत्य), **भोजपुरी लोकनृत्य**, और **सम्प्रदायिक गीत** यहां के प्रमुख सांस्कृतिक आयाम हैं।

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### **4. बिहार के प्रमुख पर्व और उत्सव**  

- **छठ पूजा**: यह बिहार का सबसे प्रमुख त्योहार है, जिसमें लोग सूर्य देवता की पूजा करते हैं। यह नदी तट गीत, पूजा और अर्घ्य से मनाया जाता है।  
- **सरस्वती पूजा**, **दुर्गा पूजा**, **होली**, **दीवाली** और **ईद** भी बड़े उत्साह से मनाए जाते हैं।  
- **श्रावणी मेला**, **सौरठ सभा** जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम भी बिहार की खास पहचान हैं।

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### **5. बिहार की शिक्षा एवं ज्ञान परंपरा**  

- **नालंदा विश्वविद्यालय**: यह प्राचीन भारत का विश्वप्रसिद्ध शिक्षा केंद्र था, जहां दूर-दूर से छात्र आते थे।  
- **विक्रमशिला विश्वविद्यालय** भी बौद्ध शिक्षा का बड़ा केंद्र था।  
- वर्तमान बिहार में कई क्रांतिकारी, फ़्रांसीसी और अन्य सेवा परीक्षाओं में सफल प्रतिभाओं का जन्म हुआ है।

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### **6. बिहार के प्रमुख पर्यटन स्थल**  

- **बोधगया** – भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था।  
- **राजगीर** – प्राचीन मगध की राजधानी और ऐतिहासिक स्थल।  
- **नालंदा** – प्राचीन विश्वविद्यालय का भवन।  
- **पटना साहिब** - सिख धर्म के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी का जन्मस्थान।  
- **वैशाली**, **शेरशाह सूरी का मकबरा**, **कुंडलपुर**, **मुंगेर का किला** – ये सभी ऐतिहासिक स्मारक हैं।

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### **7. बिहार की स्थापत्य संस्कृति**  

बिहार की रसोई में पारंपरिक स्वाद और पोषण का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।  
- **लिट्टी-चोखा**, **सत्तू पराठा**, **खाजा**, **तिलकुट**, **अनरसा**, **दाल-पूरी** – ये हैं बिहार की पहचान।  
- सत्तू को "गरीबों का प्रोटीन" भी कहा जाता है। गर्मियों में इसका शरबत बेहद लोकप्रिय है।

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### **8. समकालीन बिहार: बदलाव की ओर**  

आज का बिहार शिक्षा, उद्यमिता और राजनीति में प्रगति की ओर है।  
- तमिलनाडु, एनआईटी पटना, और कई मेडिकल संस्थान यहां शिक्षा का आधार मजबूत कर रहे हैं।  
- बिहार के युवा डिजिटल क्रांति में भी आगे बढ़ रहे हैं। बिहार में संचालित हो रहे हैं कई गैजेट्स और नेशनल मॉडल्स।

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**निष्कर्ष**  

बिहार केवल एक राज्य नहीं है, बल्कि एक ऐसी धरती है जहां भारतीय इतिहास, संस्कृति और धर्मों की महान परंपराएं मौजूद हैं। इसकी गहराई और गौरव को जानना और समझना हर भारतीय के लिए आवश्यक है। बिहार की संस्कृति आज भी उतनी ही समृद्ध और जीवंत है, हजारों साल पहले थी। यह भारत की सांस्कृतिक आत्मा का प्रतीक है 

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